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विद्यार्थियों को मिल सकेगी सनद:12 साल बाद विधि महाविद्यालय को बीसीआई से मिली मान्यता
शासकीय विधि महाविद्यालय को 12 साल बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से वापस मान्यता मिल गई है। कॉलेज प्रबंधन को मान्यता फिर से बहाल करने संबंधी पत्र भी प्राप्त हो चुका है। मान्यता मिलने से अब कॉलेज में विधि पाठ्यक्रम की सीटें बढ़ सकेंगी, वहीं कॉलेज से विधि की डिग्री हासिल करने वाले सैकड़ों विद्यार्थियों की सनद की प्रक्रिया भी पूरी हो सकेगी।
लाखों रुपए का शुल्क विगत कई वर्षों से जमा नहीं होने की वजह से वर्ष 2011 से विधि महाविद्यालय की मान्यता अटकी हुई थी। इसकी वजह से बीसीआई ने विधि महाविद्यालय की मान्यता रोक दी थी। इस दौरान कॉलेज का संचालन तो होता रहा लेकिन मान्यता नहीं होने की वजह से सीटें बढ़ाने सहित अन्य कार्यों को लेकर अड़चनें आ रही थी।
इसी वजह से राज्य बार काउंसिल जबलपुर से कॉलेज के विद्यार्थियों को डिग्री लेने के बाद सनद देने पर भी रोक लगा दी गई थी। इस कारण सैकड़ों विद्यार्थी शासकीय विधि महाविद्यालय से लॉ की डिग्री लेने के बाद भी सनद लेकर प्रेक्टिस नहीं कर पा रहे थे।
पिछले कुछ माह के भीतर कॉलेज प्रबंधन की ओर से बकाया राशि जमा कराने के बाद बीसीआई ने कॉलेज को वापस मान्यता दे दी है। इससे अब जल्द ही लॉ की डिग्री पूरी करने वाले विद्यार्थियों की सनद की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। साथ ही कॉलेज में विधि पाठ्यक्रम की सीटें बढ़ाने के साथ ही अन्य कार्य भी हो सकेंगे।
बीसीआई के पदाधिकारियों को हर 15 दिन में लिखे पत्र
शासकीय विधि महाविद्यालय को दोबारा मान्यता दिलाने में प्राचार्य डॉ. अरुणा सेठी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। डॉ. सेठी ने बताया जून 2021 में प्राचार्य का कार्यभार संभालने के बाद लगातार बीसीआई के पदाधिकारियों से संपर्क किया गया। हर 15 दिन में बीसीआई से पत्र व्यवहार किया गया।
सितंबर 2022 में 10.50 लाख रुपए का शुल्क जमा करवाया गया। डॉ. सेठी ने बताया बीसीआई से मान्यता का पत्र प्राप्त होने के बाद अब जल्द ही राज्य बार काउंसिल जबलपुर से संपर्क किया जाएगा, ताकि डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों की सनद की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सके। डॉ. सेठी के अनुसार कॉलेज में एलएलबी की फिलहाल 160 और एलएलएम की 37 सीटें हैं। मान्यता बहाल होने के बाद एलएलबी और एलएलएम में सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाएगी।